
शायद जिस ने भी यह कहा वह सच ही कहा हैं कि दिल तो बच्चा हैं ।जैसे बच्चे की देखभाल करते हैं,वैसे ही दिल की देखभाल करनी चाहिये।पर क्या करते हैं,हम ऐसा।हाँ या नहीं।
शराब के दो पैग ब्लड प्रेशर को 190/110 से 186/106 तक कम कर देते हैं।परंतु तीन पैग के बाद और बढ़ता है और कुछ दिनो तक बढ़ा ही रहता हैं ।

दिल के मरीज़ यदि 30 मिली लिटर के दो पैग या उससे अधिक शराब का सेवन करते हैं तो दिल तो बच्चा हैं।हॉर्ट अटैक आ सक़ता हैं।

सिगरेट व बीड़ी पीने का सबसे ज़्यादा नुक़सान गर्भवती महिला व गर्भ में पल रहे बच्चे को होता हैं।क्योंकि उसे दिल सम्बन्धी तकलीफ़ें होने लगती है ।बेचारा उसका दिल तो बच्चा है ,जीं।

अरे फ़ास्ट फ़ूड का नाम लेने पर कही मुँह में पानी तो नहीं आ गया।कुछ ऐसा ही हैं,हर घर में बच्चों का ।मेट्रो सिटी की दिनचर्या का भी बहुत बड़ा हाथ है ।

दिल तो बच्चा है ..
आज भागदौड़ की ज़िंदगी में पैसा कमाना सबसे बड़ा लक्ष्य हैं।इसके लिए हर कोई काम में लगा रहता हैं।यह भी जरूरी हैं,मगर मानव शरीर रूपी रेलगाड़ी के इंजन (दिल) का ख़्याल रखना भी तो जरूरी हैं।
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